दि . 9 / 9 / 2025 मंगलवार [ चिफ एडिटर - नजीर मुलाणी ]
✍️ संपादकीय लेख
डाॅक्टर की भूमिका – मरीज के लिए उपचार का आधार
लेखक: नजीर मुलाणी
समाज में डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है। इसकी मुख्य वजह यही है कि डॉक्टर बीमार इंसान को नया जीवन देने का काम करता है। जब इंसान शारीरिक या मानसिक पीड़ा से गुजरता है, तब उसकी सबसे बड़ी उम्मीद एक कुशल डॉक्टर होता है।
डॉक्टर केवल इलाज करने वाला नहीं होता, बल्कि वह मरीज के जीवन में आशा, आत्मविश्वास और नई ऊर्जा भी भरता है। बीमारी चाहे छोटी हो या गंभीर, सही मार्गदर्शन और उचित इलाज ही रोगी को स्वस्थ जीवन की ओर ले जाता है।
आज के दौर में चिकित्सा विज्ञान ने अत्याधुनिक प्रगति की है। नई-नई तकनीक, आधुनिक उपकरण और दवाइयाँ उपलब्ध हैं। लेकिन इन सबके बावजूद मरीज के लिए डॉक्टर का मानवीय व्यवहार, सहानुभूति और संवेदनशीलता सबसे बड़ा उपचार साबित होता है। अक्सर मरीज केवल दवा से नहीं, बल्कि डॉक्टर के आत्मीय शब्दों और देखभाल से भी जल्दी स्वस्थ होता है।
डॉक्टर की भूमिका केवल अस्पताल या क्लिनिक तक सीमित नहीं है। वह समाज में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने, निवारक उपायों की जानकारी देने और बीमारियों से बचाव का मार्ग बताने का भी कार्य करता है। गाँव से लेकर शहर तक, गरीब से लेकर अमीर तक – हर व्यक्ति को स्वस्थ रखने में डॉक्टर की अहम भूमिका है।
सच तो यह है कि डॉक्टर का पेशा केवल रोजगार नहीं, बल्कि सेवा और मानवता की सर्वोच्च मिसाल है।
निष्कर्षतः- कहा जा सकता है कि मरीज के लिए डॉक्टर सिर्फ एक चिकित्सक नहीं, बल्कि जीवनदाता और मार्गदर्शक भी है। उनकी सेवा और समर्पण ही एक स्वस्थ समाज की नींव रखते हैं।