गरीब परिवार और गरीबी की इंसानियतगरीबी केवल पैसों की कमी नहीं है, यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ इंसान अपने हर सपने को मजबूरी के कपड़ों में लपेट कर जीता है। लेकिन इसी गरीबी में छिपी होती है एक ऐसी इंसानियत, जो अमीरी के महलों में कभी नहीं मिलती।गरीब परिवार के पास धन नहीं होता, लेकिन उनके पास दिल होता है। वे छोटे-छोटे सुखों में बड़ी खुशियाँ ढूँढ लेते हैं। माँ की रोटियों में स्वाद, पिता के पसीने में परिश्रम, और बच्चों की आँखों में सपने — यही उनका खज़ाना होता है। जब कोई भूखा दरवाज़े पर आता है, तो वे अपनी आधी रोटी बाँटने से पीछे नहीं हटते। उनकी इंसानियत सिखाती है कि देने के लिए अमीर होना ज़रूरी नहीं, बस दिल बड़ा होना चाहिए।गरीब का बच्चा शायद महंगे स्कूल में न पढ़े, लेकिन माँ की गोद में संस्कार ज़रूर सीखता है। वह जानता है कि मेहनत ही उसका हथियार है, और ईमानदारी उसकी ढाल। गरीबी में पले-बढ़े लोग अक्सर बड़े होकर दूसरों की मदद करने वाले बनते हैं, क्योंकि वे खुद दर्द और अभाव से गुज़रे होते हैं।गरीबी एक परीक्षा है, और इंसानियत उसमें पास होने का प्रमाण पत्र। जब हम इन परिवारों को देखते हैं, तो हमें समझ में आता है कि असली अमीरी दिल की होती है, जेब की नहीं।
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वेळापूर येथील आमदार यांची भेट घेवून निटवे वाडी खुटबाव घाटाचे काम मार्गी लवकर होणार ह्या विषयवर ग्राम विकास तसेच सोलापूर चे पालक मंत्री - माननिय माण खटाव चे आमदार जयकुमार गोरे भाऊ यांच्या शी सुद्धा ह्या विषयावर चर्चा करणार - ऑल इंडिया रिपोर्टर - नजीर मुलाणी ( महाराष्ट्र ब्यूरो - जुल्म से जंग न्युज पेपर, दिल्ली ) तसेच मुख्य संपादक - Mulani All india News तसेच वेबसाईट - All india News Mulani. online
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